भारतीय संविधान द्वारा अन्य देशों के संविधान से ग्रहण किए गए प्रावधान
भारतीय संविधान ने अनेक अंशों में अन्य देशों के संविधानों से प्रेरित प्रावधान शामिल किए हैं। सामाजिक न्याय, धार्मिक स्वतंत्रता, और मौलिक मौद्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारतीय संविधान ने विभिन्न उपायों को अपनाया है। साथ ही, भारतीय संविधान ने स्वतंत्रता, सामाजिक समानता, और सामाजिक न्याय के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न आदिकालीन और सामकालीन सांस्कृतिक धाराओं को ध्यान में रखा है। इसके आलावा, भारतीय संविधान ने सार्वजनिक उद्दीपन, नागरिक स्वतंत्रता, और स्वयंनिर्भरता के मूल्यों को मजबूत किया है जो विभिन्न देशों के संविधानों से अद्वितीय हैं।आयरलैंड:
भारत ने आयरलैंड से लिए गए नीति-निदेशक तत्व में उनके सांविदानिक और प्रशासनिक प्रणालियों से प्रासंगिक सुझाव लिए है, जो भारत को एक उदार और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में मदद करते हैं। इसमें नीति-निदेशक तत्व, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था, और राज्यसभा के सदस्यों का नामांकन शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया:
- भारत ने ऑस्ट्रेलिया से साझा बचाव और सुरक्षा के क्षेत्र में उनके नूतन सूची प्रणाली, प्रस्तावना की भाषा शैली, और संयुक्त बैठक उपबंध को लेकर सांविदानिक और प्रशासनिक विवादों का समर्थन किया है।
दक्षिण अफ्रीका:
- भारत ने दक्षिण अफ्रीका से उनके संविधान संशोधन की प्रक्रिया और राज्यसभा सदस्यों की निर्वाचन पद्धति को लेकर सहायक किया है, जो एक विकसित और न्यायपूर्ण राज्य की दिशा में उनकी योजनाओं को मजबूती प्रदान करता है।
सोवियत संघ:
- भारत ने सोवियत संघ के मूल कर्तव्य और सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय का आदर्श को अपनाया है, जिससे समृद्धि और सामाजिक समावेश की दिशा में मदद हुई है।
ब्रिटेन:
- भारत ने ब्रिटेन के संसदीय प्रणाली, विधि निर्माण, एकल नागरिकता, विधायी प्रक्रिया, संसदीय विशेषाधिकार, महान्यायवादी, और नौकरशाही जैसे विषयों में अनुभव से यथासंभाव बदलाव किए हैं।
अमेरिका:
- भारत ने अमेरिका के संविधानिक प्रणाली, मौलिक अधिकार, राष्ट्रपति का निर्वाचन और महाभियोग, उपराष्ट्रपति का पद, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्यायिक पुनरावलोकन, जनहित याचिका आदि के क्षेत्र में उनके सिद्धांतों का समर्थन किया है।
जर्मनी:
- भारत ने जर्मनी के आपातकाल के दौरान मूल अधिकारों का निलंबन सहित कई पहलुओं को शोध किया है और उनके विकास में सहायता की है।
फ्रांस:
- भारत ने फ्रांस के गणत्रंतात्मक शासन व्यवस्था और स्वतंत्रता, समानता और बंधुता जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों का समर्थन किया है, जिससे वे भारत के संबंधों में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
कनाडा:
भारत ने कनाडा से उनके राज्यों में शक्ति का विभाजन, राज्यपाल की नियुक्ति, और अवशिष्ट विषय केंद्र को प्रदान किया जाना जैसे क्षेत्रों में सहायता की है, जो एक सुरक्षित और सामाजिक राज्य की दिशा में उनकी योजनाओं को मजबूती प्रदान करता है।
भारत और अन्य देशों के सेनाओं के मध्य हुए प्रमुख संयुक्त सैन्य अभ्यास:
एक्सरसाइज वज्र प्रहार: भारत और अमेरिका के बीच आयोजित होने वाला यह संयुक्त सैन्य अभ्यास स्थल सेना (Army) के द्वारा संचालित होता है। इस अभ्यास का उद्देश्य सेना को विभिन्न युद्ध स्थितियों में अभ्यास करने का मौका प्रदान करना है, ताकि वे संयुक्त रूप से सामरिक संघर्षों का सामना कर सकें। इस अभ्यास में सेना के सैनिकों को विभिन्न प्रकार के युद्ध अभ्यासों, समुल्लासों, और संयुक्त योजनाओं का सामना करने का अनुभव होता है। इससे सेना का समर्थन और समझदारी बढ़ती है, जिससे समर्थक राष्ट्रों के बीच सामरिक सहयोग में सुधार होता है।
1. नौ-सेना (Navy) द्वारा संचालित:
सूर्यकिरण
"सूर्यकिरण" एक और सुदूर दृष्टि रखने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास है जो भारत और नेपाल के बीच होता है और जिसमें नौ-सेना (Navy) भी संयुक्त रूप से सामरिक प्रशिक्षण और अभ्यास करती है। इस अभ्यास के माध्यम से भारतीय और नेपाली नौसेना के सैनिकों को साझा समुल्लास, नौसेना के अभ्यासों, और संयुक्त समर्थन की योजनाओं में प्रशिक्षित किया जाता है। यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा और सहयोग को मजबूती प्रदान करता है और समर्थ देशों के बीच सामरिक संबंधों को बढ़ावा देता है।
इंद्रधनुष
"इंद्रधनुष" अभ्यास के तहत नौसेना (Navy) भी सहयोग और समर्थन के लिए अभ्यस्त होती है, जो भारत और ब्रिटेन के बीच होता है। इस अभ्यास के दौरान नौसेना के अधिकारी और सैनिकों को साझा समर्थन, समुल्लास, और संयुक्त योजनाओं के साथ अभ्यस्त किया जाता है। इससे समर्थ नौसेना का गठन होता है और वे संयुक्त रूप से समुद्री क्षेत्र में काम कर सकते हैं, जिससे अनुभव और विशेषज्ञता में सुधार होता है।
विमोचन
भारत और अन्य देशों के सेनाओं के मध्य होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यासों से यह स्पष्ट है कि सहयोग और संयुक्त प्रयास से सुरक्षा प्रणाली में सुधार हो सकता है और संघर्ष स्थित
2. स्थल सेना (Army) द्वारा संचालित:
मित्र शक्ति: भारत और श्रीलंका के बीच आयोजित होने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जिसका मुख्य उद्देश्य सैन्य सामरिक क्षमताओं को बढ़ावा देना और संयुक्त रूप से युद्ध प्रणालियों में सहयोग करना है। इसके माध्यम से, भारत और श्रीलंका अपने सैनिकों के बीच साझा अभ्यास और अनुभव के माध्यम से अपनी योजनाओं को मजबूत कर रहे हैं, जो सामरिक और सुरक्षा संबंधी सहयोग में सुधार करता है।
हैंड-इन-हैंड: भारत और चीन के बीच आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास, जिसका मुख्य उद्देश्य सैन्य तकनीक और युद्ध प्रणालियों को समर्थन करना है। इसके माध्यम से, दोनों देश अपने सैनिकों को अद्वितीय युद्ध स्थितियों में अभ्यस्त करते हैं और एक दूसरे के साथ संघर्ष क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए तैयार करते हैं।
एक्सरसाइज़ शक्ति: भारत और फ्रांस के बीच संचालित संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जो उच्च तकनीकी स्तर और संयुक्त सामरिक क्षमताओं का अभ्यास करता है। इस अभ्यास के दौरान, विभिन्न प्रकार के संयुक्त युद्ध प्रणालियों की प्रशिक्षण का संचालन होता है, जिससे सैन्य समर्थन में सुधार होता है और संयुक्तता में बढ़ोतरी होती है।
नोमैडिक एलिफेंट: भारत और मंगोलिया के बीच आयोजित होने वाला यह संयुक्त सैन्य अभ्यास एक विशेष स्थानीय संयुक्तता को बढ़ावा देता है और सैन्यों को विभिन्न युद्ध स्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। इसके माध्यम से, विभिन्न सैन्य सामरिक क्षमताओं का समर्थन करने के लिए योजनाएं बनती हैं, जिससे सैनिकों को अधिक संघर्षरहित और युद्ध प्रणालियों में सुधार होता है।
युद्ध अभ्यास: भारत और अमेरिका के बीच यह संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जो उन्नत युद्ध और संघर्ष प्रणालियों का स
मर्थन करने का मुख्य उद्देश्य रखता है। इसके माध्यम से, विभिन्न सेनाओं को संयुक्त रूप से सामरिक क्षमताओं में सुधारने का एक अच्छा मौका मिलता है, जिससे उन्हें सामरिक सहयोग और नए युद्ध प्रणालियों को सीखने में मदद होती है।
3. वायु सेना (Air Force) द्वारा संचालित:
इंद्रधनुष- भारत और ब्रिटेन के बीच आयोजित एक संयुक्त वायु सैन्य अभ्यास है जो साझा युद्ध प्रणालियों की प्रशिक्षण प्रदान करता है।
गरुड़- भारत और फ्रांस के बीच संचालित होने वाला संयुक्त वायु सैन्य अभ्यास है जो विशेष युद्धक्षेत्र में योजनाएं बनाने और समर्थन करने के लिए होता है।
अवियाइंद्रा- भारत और रूस के बीच आयोजित होने वाला संयुक्त वायु सैन्य अभ्यास है जो दोनों देशों के वायु सेनाओं के बीच अभ्यास और समर्थन को बढ़ावा देता है।
शिन्यू मैत्री -भारत और जापान के बीच यह वायु सैन्य अभ्यास संचालित होता है जो साझा बचाव और समर्थन के लिए होता है।
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